जिस पर भी ओ बाबा तेरा रंग चढ़ जाता ।
सारे जीवन वो तो फिर मौज उड़ाता है।
भर भर के प्याला वो तो पीये तेरे नाम का,
इसको सुहाना लागे रस्ता खाटू धाम का ।
तेरे ही तो पथ पर वो चलता जाता है,
सारे जीवन वो तो फिर मौज उड़ाता है ।।
धीरे धीरे बन जाता तेरा वो दीवाना,
मस्ती में गाता रेहता तेरा ही तराना ।
याहा कही भी जाए तेरे गुण गाता है,
सारे जीवन वो तो फिर मौज उड़ाता है ।।
तेरे प्रेमियों से करता सदा मुलाकाते,
रास न आती उन्हें दुनिया की बाते ।
झूठी दुनिया दारी से वो गबराता है,
सारे जीवन वो तो फिर मौज उड़ाता है
चरणों में विनती है श्याम सुन लीजिये,
बिन्नू को मिलाते रहे ऐसी ही भिभुती से ।
उन संतो से मिल कर बड़ा आनंद आता है,
सारे जीवन वो तो फिर मौज उड़ाता है
जिस पर भी ओ बाबा तेरा रंग चढ़ जाता ।
सारे जीवन वो तो फिर मौज उड़ाता है।