जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है,
जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है,
अभी हमने जी भर के देखा नहीं है……..
कैसी घडी आज जीवन की आयी,
अपने ही प्राणो की करके विदाई,
अभी ये अयोध्या हमारी नहीं है,
अभी हमने जी भर के देखा नहीं है।जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है,
अभी हमने जी भर के देखा नहीं है।
माता कौशल्या के आँख के तारे,
दशरथ जी के वो राज दुलारे,
कभी ये अयोध्या भूलना नहीं है,
अभी हमने जी भर के देखा नहीं है।जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है,
अभी हमने जी भर के देखा नहीं है।
जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है,
जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है,
अभी हमने जी भर के देखा नहीं है…..