अब तुम रथ को रोको ओ मुरलिया वाले मोर मुकुट वाले।
ब्रह्माजी रोकें विष्णुजी रोकें,रोकें शंकर प्यारे
मुरलिया वाले।अब तुम रथ को रोको ओ मुरलिया वाले मोर मुकुट वाले।
गंगा भी रोकें जमुना भी रोकें, रोकें नदी नावारे
मुरलिया वाले।अब तुम रथ को रोको ओ मुरलिया वाले मोर मुकुट वाले।
सूरज भी रोक चंदा भी रोक, रोकें नौ लख तारे
मुरलिया वाले।अब तुम रथ को रोको ओ मुरलिया वाले मोर मुकुट वाले।
गैयां भी रोकें बछड़े भी रोके, रोकें ग्वाल बेचारे
मुरलिया वाले।अब तुम रथ को रोको ओ मुरलिया वाले मोर मुकुट वाले।
भक्त भी रोके संत भी रोके।रोके देव जन सारे मुरलिया वाले।अब तुम रथ को रोको ओ मुरलिया वाले मोर मुकुट वाले।