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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Kesho me ganga hai mathe pe Chand,केशो में गंगा है माथे पर चांद,shiv bhajan

केशो में गंगा है माथे पर चांद

तर्ज, आने से उसके आए बहार

केशो में गंगा है माथे पर चांद, पर्वत पर बैठे वह पीते हैं भांग। भोला भंडारी है महादेव मेरा। जोगी त्रिपुरारी है महादेव मेरा।

कर भजन तूं उसका वह भक्तों की बिगड़ी बनाता। वह कभी ना हारे जो भोले की कावर उठाता। निर्बल का साथी है सच्चा हितकारी है महादेव मेरा। जोगी त्रिपुरारी है महादेव मेरा।

केशो में गंगा है माथे पर चांद, पर्वत पर बैठे वह पीते हैं भांग। भोला भंडारी है महादेव मेरा। जोगी त्रिपुरारी है महादेव मेरा।

क्या धरा क्या अंबर सारे करते हैं तेरी गुलामी। हर दिशा के प्राणी बोले शंकर जी है सबके स्वामी। सर्पों की माला है नंदी की सवारी है महादेव मेरा। जोगी त्रिपुरारी है महादेव मेरा।

केशो में गंगा है माथे पर चांद, पर्वत पर बैठे वह पीते हैं भांग। भोला भंडारी है महादेव मेरा। जोगी त्रिपुरारी है महादेव मेरा।

यह गगन के तारे और भानू करे तेरी पूजा। मान ले है मनवा नहीं भोले सा है कोई दूजा। पार करे वह नैया बड़ा उपकारी है महादेव मेरा। जोगी त्रिपुरारी है महादेव मेरा।

केशो में गंगा है माथे पर चांद, पर्वत पर बैठे वह पीते हैं भांग। भोला भंडारी है महादेव मेरा। जोगी त्रिपुरारी है महादेव मेरा।

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