हम गरीबों से रखता है यारी।नाम उनका है बांके बिहारी।
प्यारी लगती गरीबों की नैया।बैठ जाता है बन के खिवैया। भूल जाता है यह सरकारी।नाम उनका है बांके बिहारी।हम गरीबों से रखता है यारी।नाम उनका है बांके बिहारी।
लोग कहते त्रिलोकी का नाथ है। इसके हाथ में गरीबों का हाथ है। जानता ना यह दुनियादारी। नाम उनका है बांके बिहारी।हम गरीबों से रखता है यारी।नाम उनका है बांके बिहारी।
उसका झोपड़ी में है आना जाना। स्वाद लगता विदुर जी का खाना। खुद को कहता है प्रेम का पुजारी। नाम उनका है बांके बिहारी।हम गरीबों से रखता है यारी।नाम उनका है बांके बिहारी।