तर्ज – बाबुल की दुआएं
अंजनीसुत केसरी नंदन ने, श्री राम के कारज सारे है, सम्पूर्ण रामायण साक्षी है, पग पग पे संकट टारे है, अंजनीसुत केसरीनंदन ने, श्री राम के कारज सारे है।
नारायण राम अवतार लिए, पृथ्वी का पाप मिटाने को, शिव रूद्र रूप धारे हनुमत, श्री राम को पथ दर्शाने को, सेवक का स्थान लिए हनुमत, नारायण संग पधारे है, सम्पूर्ण रामायण साक्षी है, पग पग पे संकट टारे है, अंजनीसुत केसरीनंदन ने, श्री राम के कारज सारे है।
शिव भक्त थे कौशल नंदन, हनुमत उनके आराधक थे, लंकापति रावण महाबली, कैलाशपति का साधक था, अभिमान रूपी उस दानव को, श्री राम सहित संघारे है, सम्पूर्ण रामायण साक्षी है, पग पग पे संकट टारे है, अंजनीसुत केसरीनंदन ने,श्री राम के कारज सारे है।
वानर का रूप धरा कपि ने, राजाओं सा श्रृंगार लिया, जब भी दानव शक्ति उभरी, बल कौशल से संघार किया, श्री राम के नैनो की ज्योति, रघुवर के प्राण पियारे है, सम्पूर्ण रामायण साक्षी है, पग पग पे संकट टारे है, अंजनीसुत केसरीनंदन ने, श्री राम के कारज सारे है।
इसको विधना का लेख कहूं, या ईश्वर की लीला मानु, है राम का नाम बड़ा जग में, मैं तो केवल इतना जानु, इसलिए ही तो कपिराज सदा, श्री राम ही राम उचारे है, सम्पूर्ण रामायण साक्षी है, पग पग पे संकट टारे है,अंजनीसुत केसरीनंदन ने, श्री राम के कारज सारे है।
अंजनीसुत केसरी नंदन ने, श्री राम के कारज सारे है, सम्पूर्ण रामायण साक्षी है, पग पग पे संकट टारे है, अंजनीसुत केसरीनंदन ने, श्री राम के कारज सारे है।