मेरी बात ना होती श्याम से, रहता है वह काम पे, ना जाने वह भक्तों का क्या हाल है। हो मैंने जोगन भेष बनाया है, श्याम रंग चढ़ाया है, श्याम के भगत की भक्ति भी कमाल है। मेरा बाबा मुझसे रूठा मैं मनाऊंगी।मेरा श्याम मुझसे रूठा मैं मनाऊंगी। मुझे कोई ना रोको मैं तो खाटू जाऊंगी।
भूल चूक मेरे बाबा माफ कर दो ना। मेरी गलतियों का इंसाफ कर दो ना।मुझे कोई ना रोको मैं तो खाटू जाऊंगी।मुझे कोई ना रोको मैं तो खाटू जाऊंगी।
मांगूंगी बाबा से गलतियों की माफी। बोलूंगी काम में कैसी थी बाबा काफी। जाकर अपने बाबा को समझाऊंगी। मुझे कोई ना रोको मैं तो खाटू जाऊंगी।मुझे कोई ना रोको मैं तो खाटू जाऊंगी।
छोड़ो नाराजगी अब ले लो शरण में। फूल गया के खिला दो चमन मे।बिन मनाए दर से मैं ना आऊंगी। मुझे कोई ना रोको मैं तो खाटू जाऊंगी।मुझे कोई ना रोको मैं तो खाटू जाऊंगी।