मैया का हाथ मेरे सिर पै,
तो फिर डर किस बात का,
कृपा होरी ठाडी,
धंदा चालै ठाठ का।
जब तै लाग्या भक्ति करण,
ना कमी कोई भी छोड़ी,
कोठी बंगले महल दिए,
मेरै चालै दो दो ऑडी,
मेरा अटकन दे ना काम,
मैया बिगड़ी आट का।
नौ नवरात्रे जगदम्बे तेरे,
नाम के व्रत करूँ,
बिज़नेस मोटा चला दिया,
तेरा धन्यवाद करूँ
आर लहरिया खावै सै,
तेरे दिए हाथ का।
मैया का हाथ मेरे सिर पै,
तो फिर डर किस बात का,
कृपा होरी ठाडी,
धंदा चालै ठाठ का।