दो घूट ही पिला दे हमें प्यार की कन्हैया। फिर फिक्र क्यों करें हम संसार की कन्हैया।
मस्ती का होगा आलम नाचेंगे तेरे दर पर। बस ऐसी मस्ती दे दे तेरे नाम की कन्हैया ।
दो घूट ही पिला दे हमें प्यार की कन्हैया। फिर फिक्र क्यों करें हम संसार की कन्हैया।
गम दूर होंगे सारे जब साथ हो तुम्हारा। नौकर ही चाहे रख ले दरबार में कन्हैया।
दो घूट ही पिला दे हमें प्यार की कन्हैया। फिर फिक्र क्यों करें हम संसार की कन्हैया।
दर छोड़कर तुम्हारा बोलो कहां पर जाऊं। मत छोड़ देना हमको मझधार में कन्हैया।
दो घूट ही पिला दे हमें प्यार की कन्हैया। फिर फिक्र क्यों करें हम संसार की कन्हैया।
जुड़े जो तुझ से नाता गठजोड़ ऐसा कर दे। बांधो जरा हमें भी गठजोड़ से कन्हैया।
दो घूट ही पिला दे हमें प्यार की कन्हैया। फिर फिक्र क्यों करें हम संसार की कन्हैया।
हम जीते चाहे हारे इसकी फिक्र नहीं है। खुशियां बनेगी जमकर तेरे द्वार पर कन्हैया।
दो घूट ही पिला दे हमें प्यार की कन्हैया। फिर फिक्र क्यों करें हम संसार की कन्हैया।