तर्ज, ओ सनम हम तो तुमसे प्यार करते
सारी दुनिया की फिक्र,
मेरा श्याम करता है,
जो भी आता है दर पे,
सबकी झोली भरता है,
जो भी आता है दर पे,
सबकी झोली भरता है।।
डूबती नैया का किनारा है,
बेसहारों का ये सहारा है,
दौड़ा आता है भक्तों की सुनकर,
जब भी कोई श्याम को पुकारा है,
जब भी कोई श्याम को पुकारा है,
है दयालु बड़ी दया,
ये सब पे करता है,
जो भी आता है दर पे,
सबकी झोली भरता है।।
रोने वालों को ये हंसाता है,
हर ख़ुशी भक्तों पे लुटाता है,
भाव का भूखा मेरा सांवरिया,
टूटी उम्मीद को सजाता है,
टूटी उम्मीद को सजाता है,
है कृपालु बड़ी कृपा,
ये सब पे करता है,
जो भी आता है दर पे,
सबकी झोली भरता है।।
ऐसे दर पे तो सबको जाना है,
खाटू वाले से दिल लगाना है,
पुरे विश्वास से मना लो इन्हे,
सच्ची दौलत है ये ही पाना है,
सच्ची दौलत है ये ही पाना है,
पा के प्रतिक श्याम को,
नाज़ करता है,
जो भी आता है दर पे,
सबकी झोली भरता है।।
सारी दुनिया की फिक्र,
मेरा श्याम करता है,
जो भी आता है दर पे,
सबकी झोली भरता है,
जो भी आता है दर पे,
सबकी झोली भरता है।।