सच्चा है दरबार यहाँ बेठे लखदातर ,
श्याम तुम कितने प्यारे हो,
यहाँ भगत भाव से नाचे और संख नगाड़े बाजे,
सोहने के सिंघासन पे मेरा बाबा श्याम विराजे,
दर्शन के संवारे को आती है भीड़ आपार,
सच्चा है दरबार यहाँ बेठे लखदातर श्याम तुम कितने प्यारे हो,
दरबार श्याम का प्यार ये सबका बने सहारा,
सचे मन से जो मांगे भरता खली भंडारा,
तुम भी तो मंग के देखो तेरी सुने श्याम सरकार,
सच्चा है दरबार यहाँ बेठे लखदातर श्याम तुम कितने प्यारे हो,
सुंदर शवि श्याम सलोनी मन मंदिर इसे बसा ले,
फिर भी कोई मन में संखा दर्शन कर के आज मिटा ले,
भार्दाता श्याम मेरे नीले के है असवार,
सच्चा है दरबार यहाँ बेठे लखदातर श्याम तुम कितने प्यारे हो,
अरदास लगा के देखो परिणाम तुरंत मिल जाये,
इस नाम में इतनी शक्ति जीवन में जोत जगाये,
दुःख मेटे श्याम मेरे कर देता बेडा पार,
सच्चा है दरबार यहाँ बेठे लखदातर श्याम तुम कितने प्यारे हो,
मातृ दत्त श्याम सुंदर से जब से जोड़ा है नाता,
अपनी तो हर मुश्किल को करके आसन दिखता,
मेरे तो श्याम सब कुछ करते रहना प्यार,
सच्चा है दरबार यहाँ बेठे लखदातर श्याम तुम कितने प्यारे हो,