राधा सुनी सुनी लागे, मारा श्याम बिना। श्याम बिना घनश्याम बिना, राधा सुनी सुनी लागे, मारा श्याम बिना।
सागर नदिया जल बिन सुना, सिप मोती बिना। बिना ज्योति अखिया है सुनी, होली रंग बिना। राधा सुनी लागे, मारा श्याम बिना।
कलम बिना कागज है सुनो, पतंग डोर बिना। बिना बाती रादिवला सुना, पंछी पंख बिना। राधा सुनी लागे, मारा श्याम बिना।
मणिया बिना माला है सुनी। काया प्राण बिना । बिना सूरज आकाश है सुनो, धरती कर्म बिना। राधा सुनी लागे, मारा श्याम बिना।
बिना बलद गाड़ी है सुनी, खेत बाड़ बिना। बिना गुरु के ज्ञान है सुनो,बिना गुरु के ज्ञान है सुनो, निर्धन माया बिना। राधा सुनी लागे, मारा श्याम बिना।
बिना देवत मंदरियो सुनो, बाण धनुष बिना। बिन शिवजी कैलाश है सुनो, हनुमत राम बिना। राधा सुनी लागे, मारा श्याम बिना।
प्रेम बिना जीवन है सुनो, भक्ति भाव बिना । बिना भगत भगवान सुनो, सुरेश भजन बिना।राधा सुनी सुनी लागे, मारा श्याम बिना।
राधा सुनी सुनी लागे, मारा श्याम बिना। श्याम बिना घनश्याम बिना, राधा सुनी सुनी लागे, मारा श्याम बिना।