एक यही दरबार लकीर मिटाई जाती है। खाटू में तकदीर बनाई जाती है।
लिखने वाला लिखता कोई भी मिटा नहीं पाया।किस्मत को हर बार गिराए कोई उठा नही पाया। जनम जनम तक फिर तो ठोकर खाई जाती है।खाटू में तकदीर बनाई जाती है।
एक यही दरबार लकीर मिटाई जाती है। खाटू में तकदीर बनाई जाती है।
खाटू में जो बैठा सरकार यही है ऐसा।बिगड़ी हुई तकदीर बने दरवार यही है ऐसा। लाखों लाखों अर्जी यहां पर लगाई जाती है।खाटू में तकदीर बनाई जाती है।
एक यही दरबार लकीर मिटाई जाती है। खाटू में तकदीर बनाई जाती है।
अब एक समय आएगा जब श्याम नाम ही होगा। सबकी जुबां पर देखना एक दिन खाटू धाम ही होगा। लाखों घर में श्याम की ज्योत जलाई जाती है। खाटू में तकदीर बनाई जाती है।
एक यही दरबार लकीर मिटाई जाती है। खाटू में तकदीर बनाई जाती है।
भूखे कभी मरते थे बाबा ने सेठ बनाया। बनवारी ठोकर खाते थे इसने गले लगाया। झोली यहां राजा की भी फैलाई जाती है। खाटू में तकदीर बनाई जाती है।
एक यही दरबार लकीर मिटाई जाती है। खाटू में तकदीर बनाई जाती है।