तर्ज, तुम तो ठहरे परदेसी
देवों में बड़ा जलवा गणराज तुम्हारा है। आकर के देओ दर्शन सौभाग्य हमारा है।
तुम हो रिद्धि सिद्धि विनायक बुद्धि के दाता हो। जो आए शरण में तेरी तुमने उसे तारा है।
देवों में बड़ा जलवा गणराज तुम्हारा है। आकर के देओ दर्शन सौभाग्य हमारा है।
मोह माया ने घेरा छाया तब अंधेरा है। हरे अंधकार जग से बहे गंग धारा है।
देवों में बड़ा जलवा गणराज तुम्हारा है। आकर के देओ दर्शन सौभाग्य हमारा है।
मां की आज्ञा मानी दी कुर्बानी है। मां से ना बड़ा कोई संसार में प्यारा है।
देवों में बड़ा जलवा गणराज तुम्हारा है। आकर के देओ दर्शन सौभाग्य हमारा है।
श्रद्धा सुमन अर्पण है प्रभु दर्शन दे दो। भक्तों को सदा भगवन तेरा ही सहारा है।
देवों में बड़ा जलवा गणराज तुम्हारा है। आकर के देओ दर्शन सौभाग्य हमारा है।