मनवा चल वृंदावन धाम, मुरलिया बज रही श्याम की, मुरलिया बज रही श्याम की, मुरलिया बजाई श्याम की, मनवा चल वृंदावन धाम, मुरलिया बज रही श्याम की……
वृंदावन में बाघ बहुत है, नाच रहे बा में मोर, मुरलिया बाजे रही श्याम की, मनवा चल वृंदावन धाम, मुरलिया बज रही श्याम की……
उड़-उड़ पंख गिरे जमुना में, नंदकिशोर मुरलिया बाजे श्याम की, मनवा चल वृंदावन धाम, मुरलिया बज रही श्याम की…..
उन पंखन को मुकुट बनाया, बांध के नंद किशोर किशोर, मुरलिया बाजे श्याम की, मनवा चल वृंदावन धाम, मुरलिया बज रही श्याम की……
मुकुट पहर बरसाने पहुंचो, रास रचाए रणछोड़, मुरलिया बाज रही श्याम की, मनवा चल वृंदावन धाम…….
मनवा चल वृंदावन धाम, मुरलिया बज रही श्याम की, मुरलिया बज रही श्याम की, मुरलिया बजाई श्याम की, मनवा चल वृंदावन धाम, मुरलिया बज रही श्याम की……