तर्ज, उड़े जब जब जुल्फे
मेरा कान्हा है मुरली वाला,वो तो रास रचाए और बंशी बजाए मंदिर में।
कोई दर पर आके देखो।वो तो दरस दिखाए और बंशी बजाए मंदिर में।
मेरा कान्हा है मुरली वाला,वो तो रास रचाए और बंशी बजाए मंदिर में।
कोई प्यार जताकर देखो।तन मन रंग जाए और बंशी बजाए मंदिर में।
मेरा कान्हा है मुरली वाला,वो तो रास रचाए और बंशी बजाए मंदिर में।
कोई आंखो में बसाकर देखो।धड़कन बढ़ जाए,और बंशी बजाए मंदिर में।
मेरा कान्हा है मुरली वाला,वो तो रास रचाए और बंशी बजाए मंदिर में।
कोई फूलों से सजाकर देखो।खुशबू महकाए और बंशी बजाए मंदिर में।
मेरा कान्हा है मुरली वाला,वो तो रास रचाए और बंशी बजाए मंदिर में।
कोई ताली बजाकर देखो।रौनक लग जाए और बंशी बजाए मंदिर में।
मेरा कान्हा है मुरली वाला,वो तो रास रचाए और बंशी बजाए मंदिर में।
कोई भोग लगाकर देखो।वो तो भाग्य जगाए और बंशी बजाए मंदिर में।
मेरा कान्हा है मुरली वाला,वो तो रास रचाए और बंशी बजाए मंदिर में।