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श्याम भजन लिरिक्स

Kisi ko ram kisi ko shyam kisi ko ghanshyam pyara hai,किसी को राम किसी को श्याम किसी को घनश्याम प्यारा है,shyam bhajan

किसी को राम किसी को श्याम, किसी को घनश्याम प्यारा है

किसी को राम किसी को श्याम, किसी को घनश्याम प्यारा है, मुझे तो शीश का दानी, वो बाबा श्याम प्यारा है।।



उठा कर देखिए श्री श्याम, की अद्भुत कहानी को, युद्ध में हरा नहीं पाया, कोई भी शीश के दानी को, किसी को राम किसीं कों श्याम, किसी को घनश्याम प्यारा है, मुझे तो शीश का दानी, वो बाबा श्याम प्यारा है।।



लगा दरबार बैठा है, प्रभु की शान क्या कहना, ये जिस पर हो गया राजी, दिया वरदान क्या कहना, किसी को राम किसीं कों श्याम, किसी को घनश्याम प्यारा है,

शरण में आ गया जो भी, निभाना ही पड़ा इसको, उसे दरबार के काबिल, बनाना ही पड़ा इसको, किसी को राम किसीं कों श्याम, किसी को घनश्याम प्यारा है, मुझे तो शीश का दानी, वो बाबा श्याम प्यारा है।।

मेरा मालिक है ‘बनवारी’, बिठाया है जिसे दिल में, हमेशा लाज रखता है, पड़ा हूँ जब भी मुश्किल में, किसी को राम किसीं कों श्याम, किसी को घनश्याम प्यारा है, मुझे तो शीश का दानी, वो बाबा श्याम प्यारा है ।।



किसी को राम किसी को श्याम, किसी को घनश्याम प्यारा है, मुझे तो शीश का दानी, वो बाबा श्याम प्यारा है।।

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