तर्ज- दिल जाने जिगर तुझपे न्योछार किया
हर रोज श्याम तेरा,श्रृंगार किया है, प्यार किया है रे श्याम, प्यार किया है।
बन के फिरूँ मैं तेरा दीवाना, पागल समझने लगा है ज़माना, माझी बना तू साथी बना तू, जब से श्याम तेरा, दीदार किया है, प्यार किया है रे श्याम, प्यार किया है।
पाँव मेरे पड़ते नहीं है ज़मीं पर, और दिल लगता नहीं है कहीं पर, तक़दीर बन गई बिगड़ी संवर गई, जब से तूने मुझको, स्वीकार किया है, प्यार किया है रे श्याम, प्यार किया है।
अब ना मैं दुनियाँ की परवाह करूँगा, प्रेम किया ‘बनवारी’ फिर क्यों डरूँगा, मैं हूँ तुम्हारा तू है हमारा,मैंने चोला शर्म का, उतार दिया है,प्यार किया है रे श्याम, प्यार किया है।
हर रोज श्याम तेरा,श्रृंगार किया है, प्यार किया है रे श्याम, प्यार किया है।