बंसी बजा के श्याम ने,
दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने,
दीवाना बना दिया।
एक रात थी अंधेरी,
बागो में थी अकेली,
डाली झुका के श्याम ने,
दीवाना बना दिया,
बंसी बजा के श्याम ने,
दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने,
दीवाना बना दिया।
एक रात थी अंधेरी,
तालों मे थी अकेली,
साड़ी चुरा के श्याम ने,
दीवाना बना दिया,
बंसी बजा के श्याम ने,
दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने,
दीवाना बना दिया।
एक रात थी अंधेरी,
कुओ पे थी अकेली,
मटका उठा के श्याम ने,
दीवाना बना दिया,
बंसी बजा के श्याम ने,
दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने,
दीवाना बना दिया।
एक रात थी अंधेरी,
महलों में थी अकेली,
पलका उठा के श्याम ने ,
दीवाना बना दिया,
बंसी बजा के श्याम ने,
दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने,
दीवाना बना दिया।
एक रात थी अंधेरी,
मंदिर में थी अकेली,
दर्शन दिखा के श्याम ने,
दीवाना बना दिया,
बंसी बजा के श्याम ने,
दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने,
दीवाना बना दिया।
बंसी बजा के श्याम ने,
दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने,
दीवाना बना दिया।