हळवा थे बोलो,
साँवरियो सूत्यो काची नींद में,
साँवरियो सूत्यो काची नींद में,
हळवा थे बोलो,
साँवरियो सूत्यो काची नींद में।
आंख्या में नींद घुळ आ गई जी,
ओढो ओढो, सरकार,
भगत करे मनुहार,
सुण ज्यो विनती।
सुख भरी नींद में सूत्यो बाबो,
भक्तां चंवर ढुलावे,
धीरे धीरे चरण दबावै,
धीरे धीरे चरण दबावै,
श्याम धणी मुस्कावे जी,
हळवा थे बोलो,
साँवरियो सूत्यो काची नींद में।
पहल्या उतारा थारी आरती,
जी पछ फट्टा घड़ियाल,
पाछै जा सेज बिछाय,
ओढो श्याम जी।
सब भक्तां का काम बाणाता,
सारो दिन घुळ आयो,
अब जाके फुरसत से बाबो,
अब जाके फुरसत से बाबो,
निज आसन पे आयो जी,
हळवा थे बोलो,
साँवरियो सूत्यो काची नींद में।
सोना रो थारो डोलको,
ऊपर मखमल रे बिछाय,
मखमल री सेजा माय,
ओढो श्याम जी।
झीणी झीणी खिली चांदणी,
मीठा भजन सुणावां,
अणथूराम पवन के सागे,
अणतुराम पवन के सागे,
श्याम रंग रंग जावा जी,
हळवा थे बोलो,
साँवरियो सूत्यो काची नींद में।
चाँदी री चौकी ऊपर धर दियो,
जी भर के पाणी रो गिलास,
पी ज्यो थे लागे जद प्यास,
ओढो श्याम जी।
ईब तो थे पोढो म्हारे श्याम धणी,
म्हाने मंगळा में माय,
रहियो थे हर पल साथ,
ओढो श्याम जी।
हळवा थे बोलो,
साँवरियो सूत्यो काची नींद में,
साँवरियो सूत्यो काची नींद में,
हळवा थे बोलो,
साँवरियो सूत्यो काची नींद में।