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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Thara tabar lyaya ji dadiji odho lal chunari,थारां टाबर ल्याया जी दादीजी ओढ़ो लाल चुनड़ी,dadi bhajan

थारां टाबर ल्याया जी, दादीजी ओढ़ो लाल चुनड़ी,

(तर्ज:नखरालो देवरियो भाभी पर जादु )



थारां टाबर ल्याया जी, दादीजी ओढ़ो लाल चुनड़ी,लाल चुनड़ी ओ मैया लाल चुनड़ी-2,थारां टाबर ल्याया जी, दादीजी ओढ़ो लाल चुनड़ी,



लाल सुरंगी चुनड़ी थांरी दादी चम चम चमके, ओढ़ के बैठी दादी म्हारी मुखड़ो दम दम दमके, मुलकै-मुलकै थारा टाबरिया, दादीजी ओढ़ो लाल चुनड़ी ॥थारां टाबर ल्याया जी, दादीजी ओढ़ो लाल चुनड़ी,



लाल चुनरिया लाल ही बिंदिया लाल ही चूड़ो सोहे, लाल फुला स्यु सज्यो यो आंगण म्हारो मनड़ो मोहे, खुशियाँ आई आंगणिये, दादीजी ओढ़ो लाल चुनड़ी ॥थारां टाबर ल्याया जी, दादीजी ओढ़ो लाल चुनड़ी,



“केशव” रुप सुहाणो थारो लागे प्यारो प्यारो, देख के थारी सुरत प्यारी नाचै मनड़ो म्हारो, नाच-नाचे टाबरिया, दादीजी ओढ़ो लाल चुनड़ी।थारां टाबर ल्याया जी, दादीजी ओढ़ो लाल चुनड़ी,

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