तर्ज, एक परदेशी मेरा दिल
रात शेरावाली माँ, कमाल कर गई, मेरे घर आई, मालामाल कर गई।
कर सोलह श्रृंगार मां आई, खुशीया ही खुशीया है लाई, दिल के मेरे मईया जी, मलाल हर गई, मेरे घर आई, मालामाल कर गई ।रात शेरावाली माँ, कमाल कर गई, मेरे घर आई, मालामाल कर गई।
जलवा मां का अजब निराला, लेकर आई सिंग विशाला, चोखट मेरी मंईया जी, निहाल कर गई, मेरे घर आई, मालामाल कर गई।रात शेरावाली माँ, कमाल कर गई, मेरे घर आई, मालामाल कर गई।
भैरव संग लांगूर मतवाला, चौसठ जोगनी जपती माला, जागरण में मईया जी, धमाल कर गई, मेरे घर आई, मालामाल कर गई ।।रात शेरावाली माँ, कमाल कर गई, मेरे घर आई, मालामाल कर गई।
माँ के प्यार की हुई मैं दिवानी, सुरेन्द्र सिंह कर कहें जुबानी, दुनिया को मईया जी, मिसाल कर गई, मेरे घर आई, मालामाल कर गई ।।रात शेरावाली माँ, कमाल कर गई, मेरे घर आई, मालामाल कर गई।
रात शेरावाली माँ, कमाल कर गई, मेरे घर आई, मालामाल कर गई।