(तर्ज : सुनले ओ साँवरिया)
लाखां ने थे ताऱ्या, माँ म्हाने भी थे तारो, टाबरियो हूँ थारो दादी, टाबरियो हूँ थारो ।।
थारे बिन ओ दादी म्हारो, दूजो नहीं सहारो, अटक्योड़ी नैया ने देसी, दादी आज किनारो, थोड़ो थे विचारो, माँ थोड़ो थे विचारो ।। १ ।।लाखां ने थे ताऱ्या, माँ म्हाने भी थे तारो, टाबरियो हूँ थारो दादी, टाबरियो हूँ थारो ।।
घड़ी घड़ी ओ दादी म्हाने, ओल्यूँ थारी आवे, संकट की घड़ियां में म्हारी, दादी लाज बचावे, म्हारी ओर निहारो, माँ म्हारी ओर निहारो ।। लाखां ने थे ताऱ्या, माँ म्हाने भी थे तारो, टाबरियो हूँ थारो दादी, टाबरियो हूँ थारो ।।
आज फेरल्यो थारी निजरां थोड़ी म्हारे कानी, ‘हर्ष’ कहवे माँ म्हारे मन की, थारे से के छानी, बिगड़ी आज संवारो, माँ बिगड़ी आज संवारो ।लाखां ने थे ताऱ्या, माँ म्हाने भी थे तारो, टाबरियो हूँ थारो दादी, टाबरियो हूँ थारो ।।