तर्ज-बन्ना रे बागां मँ झूला घाल्या
दादीजी, सावणियै मँ आवो
थानै न्यूतो” -३, देय बुलावाँ, आवो आवो म्हारी माँ।
सावण मँ, झूलण को उच्छब है “थाने झूलै”-३, पर बैठावाँ, आवो आवो म्हारी माँ।दादीजी, सावणियै मँ आवो
थानै न्यूतो” -३, देय बुलावाँ, आवो आवो म्हारी माँ।
सावण का झूला बहोत सुहाणा। “थानै झोंटा” – ३, देर झुलावाँ, आवो आवो म्हारी मां।दादीजी, सावणियै मँ आवो
थानै न्यूतो” -३, देय बुलावाँ, आवो आवो म्हारी माँ।
झूला नै, फूलों से सिणगारया। “थां पै खुशबू”-३, खूब लुटावाँ, आवो आवो म्हारी मा।दादीजी, सावणियै मँ आवो
थानै न्यूतो” -३, देय बुलावाँ, आवो आवो म्हारी माँ।
दादीजी, झूलण के मिस आज्यो। “रवि केहै”-३, दर्शण पावाँ, आवो आवो म्हारी मा।दादीजी, सावणियै मँ आवो
थानै न्यूतो” -३, देय बुलावाँ, आवो आवो म्हारी माँ।