तर्ज: अपने पिया की…
आओ आओ म्हारी मैया ने रिझावाँ। भजन सुनावां माँ का गुण गावाँ । म्हारी मैया नै रिझावा।
चाँदी के सिंहासन उपर बैठी महारानी है। हाथ या त्रिशुल सोहे सिंह की सवारी है ।जोत जगावाँ दरसन पावाँ… मैया – २ म्हारी मैया नै रिझावा।आओ आओ म्हारी मैया ने रिझावाँ। भजन सुनावां माँ का गुण गावाँ । म्हारी मैया नै रिझावा।
कई दिना सुं मन म लागी, जद यो शुभ दिन आयो है। मै खुश करने खातिर यो दरबार सजायो है। हुकुम करो म्हारी दादी थारै कानी जोवां… मैया – २ म्हारी मैया नै रिझावा।आओ आओ म्हारी मैया ने रिझावाँ। भजन सुनावां माँ का गुण गावाँ । म्हारी मैया नै रिझावा।
रंग बिरंगा फूलां से मां, थारो गजरो बनायो है। गोटा की चुनड़ी उढ़ाकर मन म्हारो हरषायो है। सिर पर हाथ रखो रेनु के तिर जावाँ… मैया-२ म्हारी मैया नै रिझावा।आओ आओ म्हारी मैया ने रिझावाँ। भजन सुनावां माँ का गुण गावाँ । म्हारी मैया नै रिझावा।