प्रीत में पूजे नाम तुम्हारा गणपति जगत खिवैयाँ
शिव नन्द आज हमारी पार लगाना नैया,
घजराणा में आन विराजे ये मेरे गनराज रे।
रिधि सीधी के दाता देखो ये मेरे गणराज रे,
तुम ही दींन बंधू दुःख हरता तुम सर्व जगत के करता
आन विराजो बिछी हुई है आशाओं की छईया,
शिव नन्द अब आज हमारी पार लगाना नईया।प्रीत में पूजे नाम तुम्हारा गणपति जगत खिवैयाँ
शिव नन्द आज हमारी पार लगाना नैया,
लेकर दरबार तुम्हारे आये ये फूलो की माला
देखो हम को भूल न जाना तू सब का रखवाला,
तुम ही दींन बंधू दुःख हरता तुम सर्व जगत के करता।
आन विराजो बिछी हुई है आशाओं की छईया,
शिव नन्द अब आज हमारी पार लगाना नईया।
भगती का ज्ञान देदे हम को शक्ति की ईशा देदे।
नस नस में हो प्रेम भावना एसी ईशा दे दे।
तुम ही दींन बंधू दुःख हरता तुम सर्व जगत के करता।
आन विराजो बिछी हुई है आशाओं की छईया।
शिव नन्द अब आज हमारी पार लगाना नईया।