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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Mukaddar ke malik mukaddar bana de,मुकद्दर के मालिकमुकद्दर बना दे,krishna bhajan

मुकद्दर के मालिक,
मुकद्दर बना दे,

मुकद्दर के मालिक,
मुकद्दर बना दे,
सोया नसीबा मेरा,
फिर से जगा दे।।



मेरी एक अरज है,
अगर मान जाते,
उमर हो गई है,
रिझाते रिझाते,
एक बार आकर मोहन,
दरश तो करा दे,
सोया नसीबा मेरा,
फिर से जगा दे।।मुकद्दर के मालिक,
मुकद्दर बना दे,
सोया नसीबा मेरा,
फिर से जगा दे।।



तेरी एक नज़र में,
छिपी मेरी जन्नत,
निगाहें करम की कर दो,
तो चमकेगी किस्मत,
भवरो से नैया मेरी,
पार तू लगा दे,
सोया नसीबा मेरा,
फिर से जगा दे।।मुकद्दर के मालिक,
मुकद्दर बना दे,
सोया नसीबा मेरा,
फिर से जगा दे।।

चाहत में तेरी,
खुद ही को मिटाऊं,
तमन्ना है इतनी मैं,
तुम्ही में समाऊं,
अंकित को चरणों में,
थोड़ी सी जगह दे,
सोया नसीबा मेरा,
फिर से जगा दे।।मुकद्दर के मालिक,
मुकद्दर बना दे,
सोया नसीबा मेरा,
फिर से जगा दे।।



मुकद्दर के मालिक,
मुकद्दर बना दे
सोया नसीबा मेरा,
फिर से जगा दे।।

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