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श्याम भजन लिरिक्स

Karuna ki aisi najar shyam kar de Khali hai Daman he datar bhar de,करुणा की ऐसी नज़र श्याम कर दे खाली है दामन हे दातार भर दे,shyam bhajan

करुणा की ऐसी,नज़र श्याम कर दे, खाली है दामन, हे दातार भर दे।



तर्ज- मुझसे मोहब्बत का

करुणा की ऐसी,नज़र श्याम कर दे, खाली है दामन, हे दातार भर दे। बंजर है धरती, तू फुहार कर दे, खाली है दामन, हे दातार भर दे। बंजर है धरती, तू फुहार कर दे, खाली है दामन, हे दातार भर दे



है स्वारथ के नाते, सभी मैंने जाना, है अपनों ने छीनामेरा आशियाना, सुन कर प्रभु आया शरण। संकट तू हर ओ संकट हरन, पतझड़ से जीवन में, बहार कर दे।खाली है दामन, हे दातार भर दे।

तेरे दर का बाबा, अजब है नज़ारा, तू दीनों का साथी, हारों का सहारा।थक हार कर, आया हूँ दर माँ वाला प्यार, मुझसे भी कर, गोदी में ले ले, तू दुलार कर। खाली है दामन, दातार भर दे।

रही मेरी रैना, अमावस सी काली, आषाढ़ से दिन, सूखी हर डाली। कब तक सहूँ, मैं विनती करूँ, ‘विपिन’ के वृक्षों को, फलदार कर दे।खाली है दामन, हे दातार भर दे।

करुणा की ऐसी,नज़र श्याम कर दे, खाली है दामन, हे दातार भर दे। बंजर है धरती, तू फुहार कर दे, खाली है दामन, हे दातार भर दे।

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