मैया जी के रहते दुःख में, क्या रोना रोना, ये ऐसा है दरबार काम तेरा, होना ही होना, ये ऐसा है दरबार काम तेरा,होना ही होना।
कर ले भरोसा माँ पे, है ये दरबार निराला, जिसके सर हाथ है माँ का, बड़ा वो किस्मत वाला, माँ की कृपा से चांदी चांदी, और सोना सोना, ये ऐसा है दरबार काम तेरा,होना ही होना।
जिससे प्यार करे माँ, है उसके वारे न्यारे, जिसपे किरपा मैया की, है उसके ठाठ निराले, चौखट से गर दूर रहोगे, फिर खोना खोना, ये ऐसा है दरबार काम तेरा,होना ही होना।
ये मैया बड़ी दयालु, है संकट दूर करती, जीवन ‘बनवारी’ तेरा, खुशियों से माँ है भरती, खुद हाथों से सजाये घर का, हर कोना कोना, ये ऐसा है दरबार काम तेरा,होना ही होना।
मैया जी के रहते दुःख में, क्या रोना रोना, ये ऐसा है दरबार काम तेरा, होना ही होना, ये ऐसा है दरबार काम तेरा, होना ही होना।