तर्ज- तू जहाँ जहाँ चलेगा
उसे ढूंढता फिरूं मैं, हूँ दीवाना सांवरे का, हूँ दीवाना मैं दीवाना, दीवाना मैं दीवाना ।
मेरे दिल को गुदगुदा के, यूँ कहाँ पे छुप गया वो, मेरी ओर आते आते, जाने क्यों रुक गया वो, यही पूछता फिरूं मैं, दीवाना सांवरे का, दीवाना मैं दीवाना, हूँ दीवाना मैं दीवाना।
उसकी अदा अनोखी, मेरे दिल पे राज उसका, गम देके वो हंसाए, कैसा रिवाज उसका, घायल हुआ फिरूं मैं, हूँ दीवाना सांवरे का, दीवाना मैं दीवाना, हूँ दीवाना मैं दीवाना।
इक बार गर मिले तो, पूछेगा ‘संजू’ उससे, तेरी अदा का मारा, आखिर मिले तो किससे, बस घूमता फिरूं मैं, दीवाना सांवरे का, दीवाना मैं दीवाना, हूँ दीवाना मैं दीवाना।
नहीं खुद का होश मुझको, ना जहाँ की कुछ खबर है, नज़रों से मिल के नजरे, मदहोश इस कदर है, बस झूमता फिरूं मैं, हूँ दीवाना सांवरे का, दीवाना मैं दीवाना, हूँ दीवाना मैं दीवाना।
उसे ढूंढता फिरूं मैं, हूँ दीवाना सांवरे का, हूँ दीवाना मैं दीवाना, दीवाना मैं दीवाना ।