समझा ले अपने लाला को मेरी चढ गयो रात अटरिया पे।मेरी चढ गयो रात अटरिया पे।मेरी चढ गयो रात अटरिया पे।समझा ले अपने लाला को मेरी चढ गयो रात अटरिया पे।
मेरो सवरो माखन खाई गयो, कछु खाय गयो कछु फेंक गयो। वह ऐसो उधम मचाए गयो री मेरी पड़ गई मौच कमरिया में।समझा ले अपने लाला को मेरी चढ गयो रात अटरिया पे।
मेरे आगे आगे डोले रे। मोसे भाभी कहकर बोले रे। मेरे हंस हंस घुंघटा खोले रे, मेरी आ गई मौच उगरिया में।समझा ले अपने लाला को मेरी चढ गयो रात अटरिया पे।
ना माने तेरे छोरो री। वह तो ऐसी ढीठ निगोड़ो री। वह तो मारे ईट को रोड़ों री, मेरी कर गयो छेद गगरिया में। समझा ले अपने लाला को मेरी चढ गयो रात अटरिया पे।
यमुना पर मोहन आवे री। मेरो चीर चोर ले जावे री। कदमों पर मुझे बुलावे री, मेरो लेवे नाम बसुरिया में। समझा ले अपने लाला को मेरी चढ गयो रात अटरिया पे।