तर्ज,घडलो थाम ले देवरिया
बनके बिंदनी सी दादी बैठी सजधज के।हो जाए दीवानो जो भी थाने निरखे।
थाने निरखे।थाने निरखे।हो जाए दीवानो जो भी थाने निरखे।
चुडलो भी लाल और चुनरी भी लाल है।हाथा माही रच रही मेहंदी भी लाल है।सिर पे बोरलो दादीजी प्यारो प्यारो लटके।हो जाए दीवानो जो भी थाने निरखे।
थाने निरखे।थाने निरखे।हो जाए दीवानो जो भी थाने निरखे।
बनके बिंदनी सी दादी बैठी सजधज के।हो जाए दीवानो जो भी थाने निरखे।
रूप थारो मनडे में बस गयो मावड़ी।थारी एक झलक पे होगी सारी दुनियां बावली।थाने निरखे टाबरीया थारा डट डट के।हो जाए दीवानो जो भी थाने निरखे।
थाने निरखे।थाने निरखे।हो जाए दीवानो जो भी थाने निरखे।
बनके बिंदनी सी दादी बैठी सजधज के।हो जाए दीवानो जो भी थाने निरखे।
दासी अपनो तन मन वारे थारे ही श्रृंगार में। मां सबसे ही प्यारा लागो म्हाने ई संसार में।म्हारी दादीजी निराली लागे सबसे हटके।हो जाए दीवानो जो भी थाने निरखे।
थाने निरखे।थाने निरखे।हो जाए दीवानो जो भी थाने निरखे।
बनके बिंदनी सी दादी बैठी सजधज के।हो जाए दीवानो जो भी थाने निरखे।