तर्ज,सजन मेरा उस पार है
यमुना से गोकुल पल्ली पार है, लाला को ले जाओ भरतार है।
सूप में भर के लाला को ले गए।ऊपर से शेष छाया कर रहे। यमुना में जल की बहार है।लाला को ले जाओ भरतार है।यमुना से गोकुल पल्ली पार है, लाला को ले जाओ भरतार है।
मौसम भी आ गया बरसात का। काली घटाएं लंबी रात का। बादल गरजेगा बारंबार है।लाला को ले जाओ भरतार है।यमुना से गोकुल पल्ली पार है, लाला को ले जाओ भरतार है।
जल्दी ले जाओ मेरे वंश को। मालूम ना पड़ जाए बेरी कंश को। आएगा लेकर वह तलवार है। लाला को ले जाओ भरतार है।यमुना से गोकुल पल्ली पार है, लाला को ले जाओ भरतार है।
यमुना से गोकुल पल्ली पार है, लाला को ले जाओ भरतार है।यमुना से गोकुल पल्ली पार है, लाला को ले जाओ भरतार है।