मावड़ी आप तणो आधार, ओ करणी आप तणो आधार, आप बिना मारो कुण है जग में, आप बड़ी दातार ।।
देशाणे रो मंदिर भारी, संगमरमर की शोभा न्यारी, काबा लाखों है मंदिर में, लग रही कतार, मावड़ी आप तणों आधार, ओ करणी आप तणो आधार ।।
चारण कुल में जन्म लियो मां, सब भक्ता ने दर्शन दियो मां, बिकानों तो नगर बसायो, देशनोक दरबार, मावड़ी आप तणों आधार, ओ करणी आप तणो आधार ।।
झोली है खाली म्हारी भर दो, सब भगता ने चरण शरण दो, मन की पीड़ा हर मां करणी, नाव पड़ी मझधार, मावड़ी आप तणों आधार, ओ करणी आप तणो आधार ।।
‘बजरंग कच्छावा’ महिमा गावे, ‘ममता कच्छावा’ गाय सुनावे, मेहर करो कर्नल किन्यानी, देशाणे री राय, मावड़ी आप तणों आधार, ओ करणी आप तणो आधार ।।
मावड़ी आप तणो आधार, ओ करणी आप तणो आधार, आप बिना मारो कुण है जग में, आप बड़ी दातार ।।