तर्ज- राधे राधे जपो चले आयेंगे बिहारी
बाजे रे बधैया, घर आए नंदलाला, बाजे रे बधैया, घर आए नँदलाला।
गोकुल आज ख़ुशी से झूमे, पवन भी कान्हा के पग चूमे, मन को लुभाए रे जी मुरली वाला, बाजे रे बधैया, घर आए नँदलाला।
देवी देव दर्शन को आए, देख के कान्हा मन मुस्काए, पहनाए है पुष्प की माला, बाजे रे बधैया, घर आए नँदलाला।
सब ही निहार रहे कान्हा को, मोह रहे कान्हा है मन को, सबको अपने रंग रंग डाला, बाजे रे बधैया, घर आए नँदलाला।
‘सारा’ ‘शहनाज़’ भी देवे बधाई, नन्द बाबा घर जन्मे कन्हाई, ‘प्रतिक’ बोले जय गोपाला, बाजे रे बधैया, घर आए नँदलाला।
बाजे रे बधैया, घर आए नंदलाला, बाजे रे बधैया, घर आए नँदलाला।