तर्ज-मेरे बांके बिहारी लाल……
जब श्याम लियो अवतार,सो गये सारे पहरेदार ,ताले टूट गये ।।
कारावास मे हुवा उजाला ,आया जब जग का रखवाला ।
हुई र्धंम कि जय जयकार।।
सो गये सारे पहरेदार , ताले टूट गये ।।जब श्याम लियो अवतार,सो गये सारे पहरेदार ,ताले टूट गये ।।
धरती का कण कण मुस्काया ,तीनो लोक मै आनंद छाया ।
अब पाप कि होगी हार
सो गये सारे पहरेदार , ताले टूट गये ।।जब श्याम लियो अवतार,सो गये सारे पहरेदार ,ताले टूट गये ।।
ब्रहृमा लोक मे ब्रृहा नाचे , शिखर कैलाश पे शिव जी नाचै ।
गूजैं गगन मे मन्त्रोचार
सो गये सारे पहरेदार , ताले टूट गये ।।जब श्याम लियो अवतार,सो गये सारे पहरेदार ,ताले टूट गये ।।
गोकुल गये वसुदेव रात मे, त्रिलोकी का नाथ साथ मे ।
पहूचै हे यमुना पार
सो गये सारे पहरेदार , ताले टूट गये ।।जब श्याम लियो अवतार,सो गये सारे पहरेदार ,ताले टूट गये ।।
नन्द के घर पहुचै यदुराई ,योग माया बन देवी आई ।
प्रभू माया अपरम्पार
सो गये सारे पहरेदार, ताले टूट गये ।।जब श्याम लियो अवतार,सो गये सारे पहरेदार ,ताले टूट गये ।।