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राम भजन लिरिक्स

Maine dhundh liye charo dham nahi mile ram,मैंने ढूंढ लिए चारों धाम,नहीं मिले रामयही तो दुःख भरी ह,ram bhajan

मैंने ढूंढ लिए चारों धाम,
नहीं मिले राम,
यही तो दुःख भरी ह।

मैंने ढूंढ लिए चारों धाम,
नहीं मिले राम,
यही तो दुःख भरी ह।



ढूंढा मैंने नगरी अयोध्या,
जहां राम लिए अवतार,
मिले नहीं राम,
यही तो दुःख भरी है,
मैंने ढूंढ लिए चारों धाम,
नहीं मिले राम,
यही तो दुःख भरी है।



ढूंढ लिया मैंने जनक भवन में,
जहां राम लिए कन्यादान,
मिले नहीं राम,
यही तो दुःख भरी है,
मैंने ढूंढ लिए चारों धाम,
नहीं मिले राम,
यही तो दुःख भरी ह।



ढूंढ लिया मैंने सरयू किनारे,
जहां राम किये स्नान,
मिले नहीं राम,
यही तो दुःख भरी है,
मैंने ढूंढ लिए चारों धाम,
नहीं मिले राम,
यही तो दुःख भरी है।



ढूंढ लिया मैंने सिता रसोई,
जहां राम किये जल पान,
मिले नहीं राम,
यही तो दुःख भरी है,
मैंने ढूंढ लिए चारों धाम,
नहीं मिले राम,
यही तो दुःख भरी है।



ढूंढ लिया मैंने तुलसी अंगना,
जहां राम किये पूजा पाठ,
मिले नहीं राम,
यही तो दुःख भरी है,
मैंने ढूंढ लिए चारों धाम,
नहीं मिले राम,
यही तो दुःख भरी है।



ढूंढ लिया मैंने लंका नगरी,
जहां राम किये संग्राम,
मिले नहीं राम,
यही तो दुःख भरी है,
मैंने ढूंढ लिए चारों धाम,
नहीं मिले राम,
यही तो दुःख भरी है।

मैंने ढूंढ लिए चारों धाम,
नहीं मिले राम,
यही तो दुःख भरी ह।

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