तर्ज – जिंदगी की राहों में
सांवरे के प्यार में, मैंने सुध गंवाई है, देखूं में जिधर देखूं, दीखता तू दिखाई है, दीखता तू दिखाई है, साँवरे के प्यार में, मैंने सुध गंवाई है।
दुनिया के आगे बाबा, रोया ही रोया था, दुनिया के आगे बाबा,रोया ही रोया था,
तूने आंसुओ को बाबा, मोती बनाए है,
देखूं में जिधर देखूं,दीखता तू दिखाई है,
साँवरे के प्यार में,मैंने सुध गंवाई है।
अंधेरों ने जिंदगी ये, मेरी कट रही थी,
अंधेरों ने जिंदगी ये, मेरी कट रही थी, तूने आके बाबा मुझको, राह दिखाई है, दीखता तू दिखाई है, साँवरे के प्यार में, मैंने सुध गंवाई है।
देखूं में जिधर देखूं,दीखता तू दिखाई है, दीखता तू दिखाई है, साँवरे के प्यार में, मैंने सुध गंवाई है।
तंज सब कसते थे, जमाना भी हँसता था, तंज सब कसते थे, जमाना भी हँसता था, ‘ऋतिक’ की किस्मत को, तूने ही संवारी है।देखूं में जिधर देखूं, दीखता तू दिखाई है, साँवरे के प्यार में, मैंने सुध गंवाई है।
साँवरे के प्यार में, मैंने सुध गंवाई है, सुधगंवाई देखूं में जिधर देखूं, दीखता तू दिखाई है, दीखता तू दिखाई है, साँवरे के प्यार में, मैंने सुध गंवाई है,देखूं में जिधर देखूं, दीखता तू दिखाई है, साँवरे के प्यार में, मैंने सुध गंवाई है।