तर्ज – राधे तेरे चरणों की धूल जो मिल जाए
मोहन तेरी बंसी तो, यमुना की धारा, हर धुन से तुमने तो, लाखों को तारा है, मोहन तेरी बँसी तो, यमुना की धारा।
सुनते है की तुम मोहन, निर्धन की भी सुनते हो, तेरा मित्र सुदामा था, उसको भी संवारा है, मोहन तेरी बँसी तो. यमुना की धारा ।
हर ओर ये चर्चा है, दुर्जन की भी सुनते है, तेरा कंस जो मामा था, उसको भी उबारा है, मोहन तेरी बँसी तो, यमुना की धारा।
दिल से जो तुझे चाहे, तक़दीर बदलते हो, तेरी भक्त जो मीरा थी, उसको भी स्वीकारा है, मोहन तेरी बँसी तो, यमुना की धारा।
मैं भी तेरा सेवक हूँ, मेरा भी उद्धार करो, मेरी जीवन नैया का, तू ही एक सहारा है, मोहन तेरी बँसी तो. यमुना की धारा।