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श्याम भजन लिरिक्स

Fagun ka najara hai aayi hai khatu se chithiya shyam baba ne pukara hai,,फागण का नज़ारा है आयी है खाटु से चिट्ठियाँ, श्याम बाबा ने पुकारा है,shyam bhajan

फागण का नज़ारा है ,
आयी है खाटु से चिट्ठियाँ,
श्याम बाबा ने पुकारा है ।

फागण का नज़ारा है ,
आयी है खाटु से चिट्ठियाँ,
श्याम बाबा ने पुकारा है ।



हमने सुना है फागण में मेला लगता है भारी
दूर दूर तक है चर्चा मेले की महिमा न्यारी
जो एक बर जाता है ,
आता तो है लेकिन दिल हार के आता है ।फागण का नज़ारा है ,
आयी है खाटु से चिट्ठियाँ,
श्याम बाबा ने पुकारा है ।



लाखों लाखों निशान लिए , चलते है सब मतवारे
सारे रस्ते गूँजते है, श्याम नाम के जय कारे
सुन सुन के उछलता है ,
प्रेमी से मिलने को ये खुद भी मचलता है ।फागण का नज़ारा है ,
आयी है खाटु से चिट्ठियाँ,
श्याम बाबा ने पुकारा है ।



राज उसे जब प्रेमी की यादें बहुत सताती है
मोड़ता है रुख़ बादल का और फागण रुत आती है
फागण के बहाने से ,
मन को सुकून मिले खाटु में जाने से।फागण का नज़ारा है ,
आयी है खाटु से चिट्ठियाँ,
श्याम बाबा ने पुकारा है ।

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