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श्याम भजन लिरिक्स

Bhakto ki bigdi banana shyam ke hatho me hai,भक्तो की बिगड़ी बनाना, श्याम के हाथों में है,shyam bhajan

भक्तो की बिगड़ी बनाना, श्याम के हाथों में है,



तर्ज- हर करम अपना करेंगे

भक्तो की बिगड़ी बनाना, श्याम के हाथों में है, क्यों डरूं जब हाथ मेरा, श्याम के हाथों में है।



तेरी नैया तू ही खिवैया, तू ही पालनहार है, बेफिक्र हूँ मैं मौज में, तू जो तारणहार है, अब डुबोना या बचाना, श्याम के हाथों में है, क्यों डरूँ जब हाथ मेरा, श्याम के हाथों में है।

खेल डाले दाव सारे, मैंने तेरे नाम पे, है यकीं पूरा मुझे तो, खाटू वाले श्याम पे, हारी बाजी को जिताना, श्याम के हाथों में है, क्यों डरूँ जब हाथ मेरा, श्याम के हाथों में है।

है नहीं चाहत ‘सचिन’ की, मतलबी संसार से, जो भी माँगा पा लिया है, श्याम के दरबार से, मेरी खुशियों का खजाना,श्याम के हाथों में है, क्यों डरूँ जब हाथ मेरा, श्याम के हाथों में है।



भक्तो की बिगड़ी बनाना, श्याम के हाथों में है, क्यों डरूं जब हाथ मेरा, श्याम के हाथों में है।

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