गिरी गोवर्धन पे गाय चराय ला बंसी वाले।चराय ला बंसी वाले।चराय ला बंसी वाले।गिरी गोवर्धन पे गाय चराय ला बंसी वाले।
तेरे द्वार पे आये ग्वाला,तुम चलो नंद के लाला
तेरी गैया रही है रंभाय,चराय ला बंसी वारे।गिरी गोवर्धन पे गाय चराय ला बंसी वाले।
गिरवर के निकट चरैयो,कहूँ दूर निकस मत जइयो
संध्या कूँ पानी लइयो पिवाय,चराय ला बंसी वारे।।
चराय ला बंसी वारे,चराय ला मोहन प्यारे
अरे मेरी गोवर्धन पे गाय चराय ला बंसी वारे।
तू खोर सांकरी जइयो,गहवर बन गाय चरइयो
तोहे लडुवा दऊँगी खवाय,चराय ला बंसी वारे
मेरी गोवर्धन पे गाय चराय ला बंसी वारे।।
छींके पे धरौ है धौना,दधि खा जा स्याम सलोना
मेरी दऊँगी भूख मिटाय,चराय ला बंसी वारे
अरे मेरी गोवर्धन पे गाय चराय ला बंसी वारे।।
मैं जाऊँ तो पे वारी मेरे मन मोहन गिरधारी
“घासी”की करियो सहाय,चराय ला बंसी वारे
चराय ला बंसी वारे,चराय ला मोहन प्यारे
अरे मेरी गोवर्धन पे गाय चराय ला बंसी वारे।।
गिरी गोवर्धन पे गाय चराय ला बंसी वाले।चराय ला बंसी वाले।चराय ला बंसी वाले।गिरी गोवर्धन पे गाय चराय ला बंसी वाले।