सावन आयो मन हर्षायो,
भोले बम बम स्वर में गायो।
आक धतुरा जिनको पंसद है,
कैलाश में बाबा आनंद ही आनंद है,
वर्षा आयो, मोर चेहकायो,
भोले बम बम स्वर में गायो।
उमापति है जग रखबारे,
बोले बाबा ने मेरे काज सवारे,
नंदी आयो खुशिया लायो,
भोले भोले जैयकारा लगायो।
सावन में भक्तो की बिगड़ी बनेगी,
मोहित की बाबा से प्रीत बड़ेगी,
दर पे आयो नैया पार लगायो,
भोले बम बम स्वर में गायो।
सावन आयो मन हर्षायो,
भोले बम बम स्वर में गायो।