मेरी अखियां तरसी सांवरे, तेरा दीदार पाने को, मैं दास दीवाना तेरा, दिखा दूंगा ज़माने को, मेरी अखियां तरसी साँवरे, तेरा दीदार पाने को ।
बड़े प्यार से तुमको बुलाया मोहन, आ भी जाओ ऐ गिरधर, बड़े चाव से मैंने बनाया, माखन तेरे लिए मुरलीधर, मेरी श्रद्धा जुडी है तुझसे सांवरे, आदर्श दिखाने को, मेरी अखियां तरसी साँवरे, तेरा दीदार पाने को ।।
तेरी लगन में डूबा रहूँगा, जब तक है साँसों में दम, जितना चाहे लेले इम्तिहान, फिर भी आस ना होगी काम, मन मेरा विचलित हो रहा सांवरे, आ कुछ समझाने को, मेरी अखियां तरसी साँवरे, तेरा दीदार पाने को।।
कृष्णा तेरी प्रीत में भूल गया, सारी दुनियादारी सब कुछ तुमने दिया है हमको, हे मोहन हे गिरधारी, ये जीवन तुझपे अर्पण कान्हा, आ दया बरसाने को, मेरी अखियां तरसी साँवरे, तेरा दीदार पाने को ।।
मेरी अखियां तरसी सांवरे, तेरा दीदार पाने को, मैं दास दीवाना तेरा, दिखा दूंगा ज़माने को, मेरी अखियां तरसी साँवरे, तेरा दीदार पाने को ।