मेरे सांवरे मुझको, वृंदावन बुला लो,
वृंदावन बुला लो कान्हा, वृंदावन बुला लो, मेरे साँवरे मुझको, वृंदावन बुला लो, एक बार फिर से अपने, दर्शन करा दो, मेरे साँवरे मुझको, वृंदावन बुला लो ।।
यमुना की लहरे कान्हा, बंशीवट की छईया,
मुझे उन गलियों में, फिर से बुला लो,
गोकुल का पनघट कान्हा, वृंदावन की गलियां, फिर से बुला लो कान्हा, फिर से बुला लो, मेरे साँवरे मुझको, वृंदावन बुला लो ।।
बृज की वो रज कान्हा,
गोकुल का माखन, खायी जो मिट्टी कान्हा, खाया जो माखन, मुझे उस माखन का, स्वाद चखा दो, स्वाद चखा दो कान्हा, स्वाद चखा दो, मेरे साँवरे मुझको, वृंदावन बुला लो ।।
हाथो में मुरली कान्हा, पैरो में पायल, जिस मुरली की धुन के, सब हैं कायल, मुझे उस मुरली की, धुन तो सुना दो, धुन तो सुना दो कान्हा, धुन तो सुना दो, मेरे साँवरे मुझको, वृंदावन बुला लो ।।
मेरे सांवरे मुझको, वृंदावन बुला लो,
वृंदावन बुला लो कान्हा, वृंदावन बुला लो, मेरे साँवरे मुझको, वृंदावन बुला लो, एक बार फिर से अपने, दर्शन करा दो, मेरे साँवरे मुझको, वृंदावन बुला लो ।।