युगल बर झुलत दे गलबॉही। श्यामा झूले श्याम झुलावे शक्ल कुंज के माही।युगल बर झुलत दे गलबॉही।युगल बर झुलत दे गलबॉही।
घिर घिर के जब बदली छाई। हो बरसत बूंद सुहाई।युगल बर झुलत दे गलबॉही।युगल बर झुलत दे गलबॉही।
युगल बर झुलत दे गलबॉही। श्यामा झूले श्याम झुलावे शक्ल कुंज के माही।युगल बर झुलत दे गलबॉही।युगल बर झुलत दे गलबॉही।
इत उत रेन बडावत सुंदर। नदी उमंग मन माही। युगल बर झुलत दे गलबॉही।युगल बर झुलत दे गलबॉही।
युगल बर झुलत दे गलबॉही। श्यामा झूले श्याम झुलावे शक्ल कुंज के माही।युगल बर झुलत दे गलबॉही।युगल बर झुलत दे गलबॉही।
ललित किशोरी झूला झूले। बढ़ यमुना चली आई। युगल बर झुलत दे गलबॉही।युगल बर झुलत दे गलबॉही।
युगल बर झुलत दे गलबॉही। श्यामा झूले श्याम झुलावे शक्ल कुंज के माही।युगल बर झुलत दे गलबॉही।युगल बर झुलत दे गलबॉही।