आया फागुन में बाबा का मेला
ये मेले की बहार देखिये
बैठे दूल्हे की तरह सजधज कर
ये लखदातार देखिये।
कोई पैदल पैदल आता हाथो में लेकर निशान
कोई दंडवत करता आये बाबा का ले लेके नाम
भक्तो का बस श्याम सहारा आते है बाबा जिसने भी पुकारा
श्याम बाबा के दर्शन की खातिर है भक्तो की कतार।
बैठे दूल्हे की तरह सजधज कर
ये लखदातार देखिये।
स्वर्ग से भी सुन्दर लगता है मेले का ये नजारा
चारो तरफ ही गूंज रहा है श्याम का ही जयकारा
भक्त दीवाने दोल रहे है,, जय श्याम जय श्याम बोल रहे है
श्याम बैठे है मंदिर के अंदर ये अद्भुत श्रृंगार देखिये
बैठे दूल्हे की तरह सजधज कर
ये लखदातार देखिये।
इसके चरणों में आकर के झुकता हर इक प्राणी
सबकी इच्छा करता है पूरी मेरे शीश का दानी
खाली न जाय की सवाली ममता की झोली भरता है खाली
शर्मा की इच्छा करती है पूरी ये खाटू की सरकार
बैठे दूल्हे की तरह सजधज कर
ये लखदातार देखिय।
आया फागुन में बाबा का मेला
ये मेले की बहार देखिये
बैठे दूल्हे की तरह सजधज कर
ये लखदातार देखिये।