मेरे बांके बिहारी मोपे कृपा करो
मेरे कुंज बिहारी मोपे कृपा करो।
या तो नीचता मरोड़ दीजिए अधि की नाथ,
या तो बुरी संगत से मन मोड़ दीजिए।कृपा करो प्यारे कृपा करो।मेरे बांके बिहारी मोपे कृपा करो
मेरे कुंज बिहारी मोपे कृपा करो।
या तो दूर ही से हाथ जोड़ दीजिए मुझे भी,
या तो पापियों की पंक्ति में ही जोड़ दीजिए।कृपा करो प्यारे कृपा करो।मेरे बांके बिहारी मोपे कृपा करो
मेरे कुंज बिहारी मोपे कृपा करो।
या तो भंडा फोड़ दीजिए दयालुता का
या तो मेरा अन्तःकरण शुद्घ कर दीजिए।कृपा करो प्यारे कृपा करो।मेरे बांके बिहारी मोपे कृपा करो
मेरे कुंज बिहारी मोपे कृपा करो।
या तो बिंदु तोड़ दीजिए भव बन्धन को
या तो अपना नाम दीन – बन्धु छोड़ दीजिए।
कृपा करो प्यारे कृपा करो।मेरे बांके बिहारी मोपे कृपा करो
मेरे कुंज बिहारी मोपे कृपा करो।
सिर्फ दर्शनों की उठी है अभिलाषा किन्तु
साधन अनेक, बात साधना है दूर की
दान करूँ, धर्म करूँ, मन्दिर बनाऊँ दिव्य
इतनी कहां है भला हस्ती मज़दूर की।
एक ही सरल उपाय मिला है बिंदु
शायद इसी से कामना फलेगी क्रूर की
करूंगा कसूर तो किसी दिन अदालत में
जाकर ही देख लूँगा सूरत हुजूर की।
मेरे बांके बिहारी मोपे कृपा करो
मेरे कुंज बिहारी मोपे कृपा करो