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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Bhole nath ki aswari chali aa rahi hai,भोलेनाथ की असवारी चली आ रही है,shiv bhajan

भोलेनाथ की असवारी चली आ रही है,

भोलेनाथ की असवारी चली आ रही है, मलियागिरी से लेकर, हिमालय की चोटी से, भोलेनाथ की असवारी चली आ रही है,
दीनानाथ की असवारी…



कैलाश वासी है अविनाशी, त्रिलोचना के प्रभु जी ज्योति जगाई, हाथों में आरती है और गले फुल माला है, उमा दर्शनाभिलाषी चली आ रही है, भोलेनाथ की असवारी

डम डम डमरू की धुन को सुना दे, थोड़ी सी अपनी बाबा सूरत दिखा दे, मृग छाला भोले गले मुंड माला है, कटी जटा में गंग की धारा बही जा रही है, भोलेनाथ की असवारी



भगत को बचा दे असुरों को मारे, हमारे सहारे भोले दिनों को तारे, जल थल और आकाश मंडल से, महादेव की असवारी चली आ रही है, भोलेनाथ की असवारी चली……..

ब्रह्मा ने चारो वेद रचाए, दुनिया को भोले सच्चा मार्ग दिखाए, तेरा नाम रूद्र और मुनियो ने गाया, लगन हमारी दिल में लगी जा रही है, भोलेनाथ की असवारी चली……..



भोलेनाथ की असवारी चली आ रही है, मलियागिरी से लेकर, हिमालय की चोटी से, भोलेनाथ की असवारी चली आ रही है, दीनानाथ की असवारी…

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