श्याम प्रभु की रीत है सदा दिलाता जीत है।हार कभी उसके भक्तों की होती नही होती नही होती नही।
श्याम शरण जो आ गया श्याम सहारा पा गया।हार कभी उसके भक्तों की होती नही होती नही होती नही।
सबसे बड़े महादानी का ये दर है शीश के दानी का। अंत नहीं कोई छोर लगे है श्याम प्रभु की कहानी का।श्याम धनी दातार की जय बोलो तारणहार की।हार कभी उसके भक्तों की होती नही होती नही होती नही।
श्याम प्रभु की रीत है सदा दिलाता जीत है।हार कभी उसके भक्तों की होती नही होती नही होती नही।
श्याम शरण जो आ गया श्याम सहारा पा गया।हार कभी उसके भक्तों की होती नही होती नही होती नही।
कलयुग का यह दौर है यहां श्याम सिवा नहीं और है।हारे हुवे जो हैं दुनियां में इसी के दर पे ठौर है।कलयुग का भगवान है उसकी ये पहचान है।हार कभी उसके भक्तों की होती नही होती नही होती नही।
श्याम प्रभु की रीत है सदा दिलाता जीत है।हार कभी उसके भक्तों की होती नही होती नही होती नही।
श्याम शरण जो आ गया श्याम सहारा पा गया।हार कभी उसके भक्तों की होती नही होती नही होती नही।
सांवरे का गांव है जो यहीं पे शीतल छांव है।करती है भव पार जो यहीं पे चलती नाव है।श्याम की उंगली थाम ले फिर जो चाहे तूं मांग ले।हार कभी उसके भक्तों की होती नही होती नही होती नही।
श्याम प्रभु की रीत है सदा दिलाता जीत है।हार कभी उसके भक्तों की होती नही होती नही होती नही।
श्याम शरण जो आ गया श्याम सहारा पा गया।हार कभी उसके भक्तों की होती नही होती नही होती नही।